जम्मू विश्वविद्यालय में ‘रश्मिरथी’ की भावपूर्ण प्रस्तुति, सशस्त्र बलों को समर्पित
जम्मू:
जम्मू विश्वविद्यालय द्वारा आज राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कालजयी काव्य रचना ‘रश्मिरथी’ की भव्य नाट्य प्रस्तुति आयोजित की गई। यह कार्यक्रम हमारे वीर सशस्त्र बलों को समर्पित रहा, जिन्होंने आतंकवाद पोषित राष्ट्र पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देकर साहस, बलिदान, शौर्य और न्याय का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है।
कार्यक्रम में दिनकर की ओजस्वी कविताओं के माध्यम से न केवल महाभारत कालीन महानायक कर्ण का चरित्र जीवंत हुआ, बल्कि देशभक्ति, धर्म और सत्य के मूल्यों की पुनर्पुष्टि भी हुई। ‘रश्मिरथी’ सिर्फ एक ऐतिहासिक काव्य नहीं, बल्कि हमारे प्राचीन सांस्कृतिक मूल्यों और धर्म की प्रतीक है, जो आज के बदलते वैश्विक परिदृश्य में और भी अधिक प्रासंगिक हो गई है।
दिनकर की कविताएं अमर हैं।
उनकी लेखनी केवल शब्द नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा की आवाज है। ‘रश्मिरथी’ में उन्होंने जो भावना, वेदना और प्रेरणा भर दी है, वह हर भारतवासी को आंदोलित करती है। उनके छंदों के माध्यम से ऐसा प्रतीत होता है जैसे हमारे पूर्वजों, वीर योद्धाओं और सभ्यता ने स्वयं उन्हें अपनी वाणी दी हो।
कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों और अतिथियों ने गहन भावनाओं के साथ प्रस्तुति को सराहा और दिनकर के साहित्यिक योगदान को राष्ट्र के लिए एक अमूल्य धरोहर बताया।