भारत में तेजी से बढ़ रही गेमिंग सेक्टर की डिमांड, वर्ष 2029 तक 9.2 बिलियन डाॅलर तक पहुंचने की उम्मीद
भारत में मोबाइल गेमिंग की डिमांड तेजी से बढ़ रही है, एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में गेमिंग सेक्टर की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2029 तक 3.8 बिलियन डाॅलर से बढ़कर 9.2 बिलियन डाॅलर तक पहुंचने की संभावना है। गौरतलब है कि इसका नेतृत्व गैर-मेट्रो शहरों के उत्साही गेमर्स कर रहे हैं। प्रमुख इंटरएक्टिव मीडिया और गेमिंग वेंचर कैपिटल फंड लुमिकाई की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 591 मिलियन गेमर्स की आबादी में से 44 प्रतिशत महिलाएं हैं और 66 प्रतिशत गेमर्स गैर-मेट्रो शहरों से हैं, जिनमें से 43 प्रतिशत पहली बार कमाई करने वाले युवा (18-30 आयु वर्ग) हैं। इस तेजी से बढ़ते क्षेत्र ने निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है।
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल गेमिंग बाजार है भारत
रिपोर्ट के मुताबिक गेमिंग पर खर्च किया जाने वाला औसतन साप्ताहिक समय 30 प्रतिशत बढ़कर 13 घंटे हो गया है, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बिताए गए समय से दोगुना है। गौरतलब है कि भारत वर्तमान में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल गेमिंग बाजार है।
रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2024 में 8 मिलियन नए भुगतान करने वाले यूजर्स जुड़े जिससे कुल भुगतान करने वाले गेमर्स की संख्या 148 मिलियन हो गई। इस रिपोर्ट में भारत के नए मीडिया बाजार का मूल्य वित्त वर्ष 2024 में 12.5 बिलियन डाॅलर बताया गया है, जिसमें 30 प्रतिशत हिस्सेदारी गेमिंग क्षेत्र की है। इन-ऐप खरीदारी, जो मुख्य रूप से मिड-कोर गेम्स द्वारा प्रेरित हैं ने साल दर साल 41 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और यह वित्त 2024 के 3.8 बिलियन डाॅलर के राजस्व में सबसे तेजी से बढ़ता हुआ हिस्सा है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 64 प्रतिशत भुगतान करने वाले यूजर्स, जो रियल-मनी गेमिंग (RMG) खेलते हैं, मिड-कोर गेम्स के लिए भी भुगतान करते हैं। लगभग 25 प्रतिशत गेमर्स ने कहा कि वे इन खेलों में पैसे खर्च करते हैं और 83 प्रतिशत गेमर्स इन-गेम भुगतान करने के लिए UPI या डिजिटल वॉलेट्स का इस्तेमाल करते हैं।