गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात से प्रतिबंध हटा, चावल की दूसरी किस्मों की घटाई गई एक्सपोर्ट ड्यूटी
केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। इसके साथ ही उसना चावल (बॉयल्ड राइस) पर एक्सपोर्ट ड्यूटी में बदलाव कर इसे आधा कर दिया गया है। पहले बॉयल्ड राइस पर 20 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी लगती थी, जिसे घटा कर 10 प्रतिशत कर दिया गया है।
इस संबंध में सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक ब्राउन राइस पर भी एक्सपोर्ट ड्यूटी घटकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी तरह व्हाइट राइस पर लगने वाली एक्सपोर्ट ड्यूटी शून्य कर दी गई है। ड्यूटी में हुई ये कटौती तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। बताया जा रहा है कि फिलहाल देश में अनाज का भंडार पर्याप्त मात्रा में मौजूद है। इसके साथ ही किसानों ने नई फसल की कटाई भी शुरू कर दी है। आने वाले हफ्तों में ये कटाई और तेज होगी। जिससे देश में अनाज के भंडारण में कमी होने या अनाज की उपलब्धता घटने की आशंका खत्म हो जाएगी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल देश में भरपूर मानसूनी बारिश होने की वजह से किसानों ने 41.35 मिलियन हेक्टर खेत में चावल की फसल लगाई है, जबकि पिछले साल देश में 40.45 मिलियन हेक्टर खेत में चावल की खेती हुई थी। इस वजह से भी नए सीजन में चावल के उत्पादन में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। ऐसे में एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध जारी रखने का अब कोई औचित्य नहीं रह गया है। इसके पहले पिछले साल केंद्र सरकार ने बॉयल्ड राइस के निर्यात पर 20 प्रतिशत की ड्यूटी लगाई थी, क्योंकि उसके पहले के सीजन में सामान्य से कम बारिश होने की वजह से चावल की फसल प्रभावित हुई थी।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने पिछले साल जुलाई में चावल की घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए और चावल की कीमत को नियंत्रण में रखने के लिए गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन अब एक्सपोर्ट ड्यूटी में कमी होने से भारत से निर्यात किए जाने वाले चावल के निर्यात मूल्य में कमी आएगी। साथ ही शिपमेंट में भी तेजी आएगी।
निर्यात पर लगे प्रतिबंध हटने से किसानों की आय की में होगी बढ़ोतरी
गैर बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट पर लगे प्रतिबंध और चावल की अन्य किस्मों पर लगने वाली एक्सपोर्ट ड्यूटी में की गई कमी का राइस एक्सपोर्टर्स ने स्वागत किया है। मून राइस एक्सपोर्ट्स के सीईओ नरेश गुप्ता का कहना है कि निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने का फैसला कृषि क्षेत्र को मजबूती देगा और इससे किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी।
हालांकि कुछ जानकारों का कहना है की गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात से प्रतिबंध हटाने का सीधा असर परमल धान की कीमत पर होगा। चावल के निर्यात पर लगे प्रतिबंध के समाप्त होने के बाद बाजार में तेजी आने की संभावना है। बाजार में धान की मांग तुलनात्मक तौर पर और अधिक बढ़ेगी, जिससे सरकारी खरीद शुरू होने के पहले भी किसानों को अपनी उपज के एवज में ज्यादा कीमत मिल सकेगी।