एक साथ दुश्मन के कई ठिकानों को भेदने में सक्षम अग्नि-4 मिसाइल का हुआ सफल परीक्षण
भारत ने आज शुक्रवार को ओडिशा के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-4 का सफल प्रक्षेपण करके एयरोस्पेस की दुनिया में धमाका कर दिया। ओडिशा के तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से डीआरडीओ ने यह सफल परीक्षण किया।
मिसाइल ने अधिकतम सीमा तक जाकर अपने लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया। अग्नि सीरीज की आधुनिक, घातक, सटीक और मीडियम रेंज की परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल दुश्मन के कई टारगेट को एक साथ तबाह कर सकती है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारत के परमाणु कमान प्राधिकरण (एनसीए) के सामरिक बल कमान के अधीन रात को 7.30 बजे किये गए प्रक्षेपण ने सभी परिचालन और तकनीकी मापदंडों को सफलतापूर्वक स्थापित किया। ओडिशा के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से दागी गई अग्नि-4 मिसाइल 1,000 किलोग्राम से लेकर 4,000 किलोमीटर तक पेलोड ले जा सकती है और इसे रोड-मोबाइल लॉन्चर से दागा जा सकता है। 2012 में अग्नि-4 ने 20 मिनट में 3,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की थी।
डीआरडीओ का यह परीक्षण उस समय की सबसे लंबी दूरी का मिशन था। अग्नि-4 मिसाइल को पहले अग्नि-2 प्राइम कहा जाता था। अग्नि मिसाइलों को डीआरडीओ ने डिजाइन और विकसित किया है। अग्नि-5 के साथ भारत की स्वदेशी रूप से विकसित मिसाइलों ने एक लंबा सफर तय किया है।
यह अग्नि सीरीज की सबसे आधुनिक, घातक, सटीक और मीडियम रेंज की परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल है। भारत की यह परमाणु मिसाइल एक साथ दुश्मन के कई टारगेट तबाह कर सकती है।
अग्नि परियोजना से जुड़े एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि अग्नि-I सिंगल-स्टेज की मिसाइल है, जबकि ‘अग्नि प्राइम’ दो स्टेज के रॉकेट मोटर पर चलने वाली मिसाइल है, जिसका तीसरा स्टेज मैन्यूवरेबल रीएंट्री व्हीकल है। यानी इससे तीसरे स्टेज को दूर से नियंत्रित करके दुश्मन के टारगेट पर सटीक हमला किया जा सकता है।
डबल-स्टेज अग्नि प्राइम में एक कनस्तर संस्करण होगा, जिससे इसे सड़क और मोबाइल लॉन्चर दोनों से फायर किया जा सकता है। इस पर 1500 किलोग्राम से 3000 किलोग्राम वजन के हथियार लगाए जा सकते हैं। ‘अग्नि प्राइम’ को बीईएमएल-टट्रा ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर से दागा जाता है।