भारत ने 6 पदकों के साथ खत्म किया पेरिस ओलंपिक अभियान, 1 रजत और 5 कांस्य शामिल
पेरिस ओलंपिक में 117 भारतीय एथलीटों के दल ने ओलंपिक 2024 में हिस्सा लिया था। भारतीय दल 6 पदकों के साथ पदक तालिका में 71वें स्थान पर रहा, जिसमें एक रजत पदक और पांच कांस्य पदक शामिल हैं। अमेरिका ने पेरिस ओलंपिक 2024 में 40 स्वर्ण पदक, 44 रजत और 42 कांस्य पदक सहित कुल 126 पदकों के साथ पदक तालिका में शीर्ष स्थान हासिल किया।
मनु भाकर ने इन खेलों में भारत का पहला पदक जीता, कांस्य अर्जित किया और ओलंपिक निशानेबाजी में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। इसके बाद उन्होंने सरबजोत सिंह के साथ मिश्रित टीम 10 मीटर एयर पिस्टल में एक और कांस्य के साथ एक ही ओलंपिक संस्करण में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनकर इतिहास रच दिया। सरबजोत के साथ उनका पदक निशानेबाजी में देश का पहला टीम पदक भी था।
स्वप्निल कुसाले ने निशानेबाजी में तीसरा पदक जीता, जो एक ही ओलंपिक में इस खेल में भारत का सबसे बड़ा पदक था। यह 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में भारत का पहला पदक था।
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पेरिस में कांस्य हासिल करके अपनी टोक्यो 2020 की सफलता को दोहराया। नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक में रजत पदक जीतकर अपनी ओलंपिक विरासत को और बढ़ाया और भारत के सबसे सफल व्यक्तिगत ओलंपियन बन गए।
अमन सेहरावत ने कुश्ती में कांस्य पदक जीतकर भारत के सबसे कम उम्र के ओलंपिक पदक विजेता बनकर इस पदक तालिका में अपना नाम जोड़ा।
इन उपलब्धियों के बावजूद, भारत को पेरिस 2024 में बड़ी निराशाओं का सामना करना पड़ा। देश छह संभावित पदकों से चूक गया, जिसमें लक्ष्य सेन, मीराबाई चानू और मनु भाकर सहित एथलीट अपने इवेंट में चौथे स्थान पर रहे, जो तीसरा पदक हासिल करने के करीब थे।
साथ ही, पीवी सिंधु लगातार तीन ओलंपिक में पदक की हैट्रिक बनाने में नाकाम रहीं। अनुभवी तीरंदाज और कई बार की ओलंपियन दीपिका कुमारी अपार अनुभव और गैर-ओलंपिक आयोजनों में सफलता के बावजूद पदक के साथ घर लौटने में नाकाम रहीं।
मुक्केबाज निकहत जरीन और लवलीना बोरगोहेन, देश को बहुप्रतीक्षित पदक नहीं दिला सकीं। महिलाओं के 50 किग्रा के ऐतिहासिक फाइनल से ठीक पहले विनेश फोगाट की अयोग्यता ने भी पूरे देश की स्वर्ण पदक की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।