ओम नमः शिवाय के जयकारों से गूंजी त्र्यंबकेश्वर नगरी कालसर्प का दोष मिटाते त्र्यंबकेश्वर पेशवा काल में हुआ था मंदिर का निर्माण
गौतम ऋषि को गौ हत्या के पाप से मुक्ति करने के लिए भगवान शिव ने दक्षिण की गंगा कही जाने वाली गोदावरी को अपनी जटाओं से भूमंडल में उतारा था
नाशिक से sandeep dwivedi रिपोर्ट
एंकर — भगवान शिव की नगरी त्र्यंबकेश्वर में श्रावण के दूसरे सोमवार को लगा भक्तो का ताता
ओम नम: शिवाय के जय कारो से गूंज उठी त्र्यंबक नगरी
स्टोरी — श्रवण के दूसरे सोमवार नाशिक के त्रम्बकेश्वर और पंचवटी के कपालेशवर शिव मंदिरो में आज सुबह से ही ओम नम: शिवाय जय भोले शम्भू के जयकारे लगाते हुवे श्रद्धालु बेलपत्र और गंगा जल और दूध से भगवान शिव का जलाभिषेक करते हुवे आशीर्वाद लेरहे हे देश के कोने कोने से लाखो श्रद्धालु त्रम्बकेश्वर पहुंच रहे हे कहा जात्ता हे बारह ज्योतिर् लिंगो में से एक त्रम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग में भगवान शिव ब्रम्हा विष्णु एक ही ज्योतिर्लिंग में विराजमान हे इस ज्योतिर् लिंग में गोदावरी नदी का जल सदेव जलाभिषेक करता रहता हे भगवान शिव को श्रावण मास आत्याधिक प्रिय हे भगवान शिव के दर्शन मात्र हर मनोकामना पूर्ण होती हे