केंद्र सरकार के तमाम प्रयास से देश की अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ रही है। यही वजह से कि तमाम वैश्विक एजेंसियां देश की जीडीपी की ग्रोथ प्रतिशत को बढ़ा दी है। वैश्विक रेटिंग एजेंसी मॉर्गन स्टेनली के बाद अब केयरएज (CareEdge) ने उम्मीद जताई है कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी 7.6 प्रतिशत तक बढ़ेगी।
2024-25 में लगभग 7 प्रतिशत की वृद्धि
केयरएज रेटिंग्स को उम्मीद है अगले वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 7 प्रतिशत की वृद्धि होगी। रेटिंग एजेंसी के अनुसार चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि को सार्वजनिक पूंजी व्यय के नेतृत्व में निवेश मांग में मजबूत वृद्धि से समर्थन मिला।
दरअसल, 1 फरवरी को पेश किए गए अंतरिम बजट में सरकार ने 2024-25 में पूंजीगत व्यय परिव्यय को 11.1 प्रतिशत बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा। पूंजीगत व्यय या कैपेक्स का उपयोग दीर्घकालिक भौतिक या अचल संपत्ति स्थापित करने के लिए किया जाता है।
सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बन रहा भारत
पिछले साल पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के दूसरे कार्यकाल के तहत आखिरी पूर्ण बजट था, सरकार ने 2023-24 में पूंजीगत व्यय परिव्यय को 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा था, जो जीडीपी का 3.3 प्रतिशत होने का अनुमान था। रेटिंग एजेंसी ने एक रिपोर्ट में कहा कि कृषि विकास दर फिलहाल धीमी है हालांकि विनिर्माण और सेवा क्षेत्र समग्र विकास गति में योगदान दे रहे हैं।
चालू वित्त वर्ष 2023-24 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान भारत की जीडीपी में 8.4 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई और देश सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहा।
मॉर्गन स्टेनली 6.8 प्रतिशत की ग्रोथ की जताई उम्मीद
इससे पहले भारत के औद्योगिक विकास को देखते हुए एक बार फिर जीडीपी की ग्रोथ रेट बढ़ा दी है। वैश्विक रेटिंग एजेंसी मॉर्गन स्टेनली ने औद्योगिक और पूंजीगत व्यय गतिविधि में लगातार वृद्धि के कारण 2025 में भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है।
मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, “हमने औद्योगिक और पूंजीगत व्यय गतिविधि में निरंतर वृद्धि के कारण, वित्त वर्ष 2025 में जीडीपी दर को बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है, जो कि हमारे पहले के 6.5 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है। हम 2024 के लिए सालाना 6.8 प्रतिशत की ग्रोथ की उम्मीद करते हैं, जो पहले 6.4 प्रतिशत थी।” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही (क्यूई मार्च-24) में विकास दर 7 प्रतिशत के आसपास रहेगी।
मुद्रास्फीति में नरमी का संकेत
कंपनी को खाद्य मुद्रास्फीति जिसकी सीपीआई बास्केट में महत्वपूर्ण भागीदारी है में कमी आई है। ऐसा आपूर्ति-पक्ष के झटकों से राहत मिलने के कारण है। कंपनी को अनुकूल मुद्रास्फीति प्रक्षेपवक्र की भी उम्मीद है, हालिया रुझानों से हेडलाइन मुद्रास्फीति में नरमी का संकेत मिलता है। खाद्य मुद्रास्फीति, जो सीपीआई बास्केट में महत्वपूर्ण भार रखती है, कम हो गई है, जिससे आपूर्ति पक्ष के झटकों से राहत मिली है।
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने आर्थिक वृद्धि दर 6.80 फीसदी किया
इसके अलावा एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने अगले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 40 आधार अंक बढ़ाकर 6.80 फीसदी कर दिया है। रेटिंग एजेंसी ने पिछले साल नवंबर में आगामी वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.40 फीसदी रहने का अनुमान जताया था।