धुले जिला, महाराष्ट्र: जहां चुनावी हलचलों का आगाज़ हो रहा है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में यात्राएँ भी अपना महत्वपूर्ण स्थान बना रही हैं। धुले जिले के गाँवों में एक अजिबोगरीब प्रथा का सामना हुआ है जो संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाली महिलाओं के साथ जुड़ी हुई है।
इस प्रथा के अनुसार, यात्रा के दौरान महिलाओं को मान्यता मिलती है कि जब उनकी मन्नत पूरी होती है, तो वे देवी के रूप में सजाई जाती हैं और उनके पीछे लोहे के हुक लगा दिए जाते हैं। मंदिर में उन्हें उत्साहित किया जाता है और उन्हें भगवान के नाम से जोरों से बुलाया जाता है। लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान महिलाओं का यह हुक लगाना उन्हें कोई दर्द नहीं महसूस होता।
इस अजिबोगरीब प्रथा को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुट रही है। यह एक ऐसी प्रथा है जो सामाजिक और आध्यात्मिक संदेश के साथ-साथ महिलाओं के सोच को भी प्रभावित करती है। इसे समाज में स्थायी और समर्थनीय ढंग से समाहित किया जाना चाहिए।