दूषित पानी से बच्चे की मौत, टीकमगढ़ में अस्पताल में भर्ती, 3 दर्जन लोग बीमार”
टीकमगढ़ जिले से मनोज खरे की रिपोर्ट : “नगरा गांव में दूषित पानी से एक बच्चे की दुखद मौत, स्वास्थ्य आपातकाल की चिंता”
नगरा गांव, टीकमगढ़ जिले में एक दुखद घटना का सामना हुआ है, जहां एक बच्चे को दूषित पानी पीने के बाद अपनी जान गंवानी पड़ी। यह घटना न केवल एक स्वास्थ्य आपातकाल की चिंता का कारण बनी है, बल्कि यह हमें जागरूकता और कार्रवाई की आवश्यकता को भी सामने लाती है।
कल की शाम को गांव के बच्चों ने अपने भोजन के बाद कुएं के पानी का सेवन किया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें उल्टियाँ आने लगीं, जिससे तीन बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। दुर्भाग्यवश, एक बच्चा गंभीर स्थिति में था, उसे झांसी के एक मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
इस स्थिति की गंभीरता उन्नत हो गई जब गांव में और भी लगभग 30 व्यक्तियों को बीमार होने का संकेत मिला। स्वास्थ्य विभाग की त्वरित प्रतिक्रिया ने गांव में तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए एक टीम भेजी। अध्ययन के बाद, पता चला कि 29 गांववासी प्रभावित हुए, जिसमें 12 महिलाएं, 5 पुरुष और 12 बच्चे शामिल थे, जिनमें से 7 का इलाज जिला अस्पताल में किया गया और बाकी को बड़ागांव धसान के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। पी.के. माहौर ने घटना पर चिंता व्यक्त की, जिसने पानी की प्रदूषण समस्या को समाधान के लिए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता को जताया। स्थानीय निवासी दशरथ लोधी ने ग्रामीण स्वास्थ्य पहलों के महत्व को उजागर किया।
यह घटना साफ़ पानी के महत्व और ग्रामीण समुदायों में सक्रिय स्वास्थ्य उपायों की महत्वपूर्ण भूमिका को ज़ोर देती है। यह न केवल तत्काल चिकित्सा सहायता की मांग करती है, बल्कि स्वच्छ पीने के पानी स्रोतों और स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भी समर्थन की मांग करती है।