मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हाथरस में हुई भगदड़ की घटना की न्यायिक जांच कराई जाएगी।
हाई कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी। उन्होंने बुधवार को यहां पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि इस घटना में 121 श्रद्धालुओं की मौत हुई है। इसमें उप्र के साथ हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के भी लोग थे। उप्र में हाथरस, बदायूं, कासगंज, अलीगढ़, एटा, हमीरपुर, आगरा, शाहजहांपुर, गौतमबुद्धनगर और लखीमपुर खीरी समेत 16 जिलों के श्रद्धालुओं की मौत हुई है। मृतकों में 6 अन्य राज्यों के थे।
मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि हाथरस, एटा, अलीगढ़ और आगरा में घायलों का इलाज चल रहा है। घायलों से मैंने बातचीत भी की। योगी आदित्यनाथ ने पत्रकार वार्ता में कहा, “इस कार्यक्रम में जो सज्जन अपना उपदेश देने आए थे उनकी कथा संपन्न होने के बाद, उनके मंच से उतरने के पर, उन्हें छूने के लिए महिलाओं का एक दल आगे बढ़ा तभी उनके पीछे एक भीड़ गई। इसी दौरान वे एक-दूसरे के ऊपर चढ़ते गए। सेवादार भी लोगों को धक्का देते रहे जिसके कारण यह हादसा हुआ। इस पूरी घटनाक्रम के लिए एडीजी (ADG) आगरा की अध्यक्षता में एक एसआईटी (SIT) गठित की गई है जिसने प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी है। कई पहलू हैं जिनपर जांच होना आवश्यक है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले तो आयोजकों ने प्रशासन को परिसर के अंदर जाने नहीं दिया। दुर्घटना के बाद पुलिस घायलों को इलाज के लिए ले जाने लगी तो सभी सेवादार भाग गए। प्रथम दृष्टया राहत एवं बचाव कार्य और फिर आयोजकों के बयान दर्ज करने, उनसे पूछ ताछ करने और कार्रवाई करने का कार्य किया जाएगा। इसे केवल हादसा कह कर टाला नहीं जा सकता। उसकी भी जांच होगी कि हादसा कैसे हुआ। हादसा नहीं तो क्या साजिश है। साजिश है तो दोषियों को ढूढ़ निकाला जाएगा। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ताकि ऐसी घटना फिर कभी दोहराई न जा सके।
विपक्ष के लोगों द्वारा सरकार पर उठाए गए सवाल पर सीएम योगी ने कहा कि कुछ लोगों की ऐसी प्रकृति होती है। ऐसी घटना पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह सबको पता है कि आयोजकों के साथ किसके संबंध हैं।
एक अन्य सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं है कि इतना बड़ा धार्मिक आयोजन नहीं होता है। इससे भी बड़े कार्यक्रम होते रहे हैं। सेवादारों को ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए कि कोई दुखद घटना न हो। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि घटना के बाद लोग मरते रहे और सेवादार भाग गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों की इस घटना में जान गयी है, उनके बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा राज्य सरकार उठाएगी। उनकी व्यवस्था कराएगी।