नासिक गोदावरी में बाढ़: मंदिरों में पानी का प्रवेश और आपात स्थिति
नासिक, जो महाराष्ट्र का एक प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक शहर है, इन दिनों भारी बाढ़ की चपेट में है। गोदावरी नदी में बाढ़ के कारण शहर में कई स्थानों पर पानी भर गया है, और इसने धार्मिक स्थलों को भी प्रभावित किया है।
मंदिरों में बाढ़ का पानी
गोदावरी नदी के बढ़ते जल स्तर के कारण नासिक के कई प्रमुख मंदिरों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। धार्मिक स्थलों पर पानी का भरना स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं के लिए चिंता का विषय बन गया है। यह स्थिति न केवल धार्मिक भावनाओं को प्रभावित कर रही है बल्कि इन पवित्र स्थलों के संरक्षित स्थिति पर भी प्रश्न खड़ा कर रही है।
गंगापुर बांध से पानी का छोड़ना
नासिक में पिछले दो-तीन दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण गंगापुर बांध लगभग 85% भर चुका है। बांध के ओवरफ्लो होने के बाद, प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर बांध से अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्णय लिया। इस पानी के बहाव ने गोदावरी नदी के जल स्तर को और बढ़ा दिया, जिससे बाढ़ की स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
रेड अलर्ट और जिला प्रशासन की तैयारियां
मौसम विभाग ने नासिक में बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश के पूर्वानुमान और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए, जिला प्रशासन ने गंगापुर के आसपास के गांवों को खाली कराने के आदेश दिए हैं। यह कदम स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और बाढ़ के संभावित नुकसान को कम करने के लिए उठाया गया है।
भविष्य की उम्मीदें
जिला प्रशासन और स्थानीय संगठनों द्वारा राहत और बचाव कार्य जारी हैं। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की मदद के लिए विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। इसके साथ ही, प्रार्थना की जा रही है कि बारिश की तीव्रता कम हो और बाढ़ की स्थिति जल्दी नियंत्रण में आए।
नासिक की इस गंभीर बाढ़ स्थिति ने न केवल धार्मिक स्थलों पर असर डाला है, बल्कि स्थानीय जीवन और इंफ्रास्ट्रक्चर को भी प्रभावित किया है। यह समय है कि समुदाय, प्रशासन, और राहत संगठनों को मिलकर इस स्थिति से उबरने और प्रभावित लोगों की मदद करने की आवश्यकता है।
नासिक से संदीप द्विवेदी की रिपोर्ट