भारत की अदृश्य ढाल: ‘आकाशतीर’ – नई पीढ़ी की एयर डिफेंस प्रणाली की शानदार सफलता
नई दिल्ली:
भारत की रक्षा तैयारियों को एक नई ऊंचाई देने वाला क्षण तब सामने आया जब ‘आकाशतीर’ (Akashteer) प्रणाली ने पाकिस्तान द्वारा 9-10 मई की रात किए गए अब तक के सबसे संयोजित हवाई हमले को बिना किसी नुकसान के नाकाम कर दिया। यह अत्याधुनिक प्रणाली भारत की स्वदेशी तकनीकी शक्ति और ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन की जीवंत मिसाल बनकर सामने आई है।
🔹 क्या है आकाशतीर?
‘आकाशतीर’ एक स्वचालित एयर डिफेंस कंट्रोल और रिपोर्टिंग सिस्टम है, जो खतरे का पता लगाने, ट्रैक करने और उसे खत्म करने की पूरी प्रक्रिया को स्वचालित और रीयल-टाइम में अंजाम देता है। यह प्रणाली कई रडार, सेंसर और कम्युनिकेशन नेटवर्क को एकीकृत कर दुश्मन के ड्रोन और मिसाइल जैसे खतरों को तुरंत और सटीक तरीके से निष्क्रिय करती है।
🔹 पाकिस्तान के HQ-9 और HQ-16 सिस्टम हुए फेल
जहां भारत की यह स्वदेशी प्रणाली अभूतपूर्व सफलता के साथ ऑपरेशन सिंदूर में अपनी क्षमता साबित कर रही थी, वहीं पाकिस्तान के चीनी आयातित HQ-9 और HQ-16 सिस्टम कथित रूप से भारतीय हमलों को रोकने में असफल रहे।
🔹 एक नई सैन्य सोच का प्रतीक
‘आकाशतीर’ केवल एक रक्षा प्रणाली नहीं, बल्कि यह भारत की नई सैन्य नीति और सोच का प्रतीक है — जो रिएक्टिव से प्रोएक्टिव और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन दिशा में बढ़ रही है। यह प्रणाली तीनों सेनाओं (थल, जल, वायु) के बीच रीयल-टाइम डाटा शेयरिंग और एकीकृत निर्णय लेने में सक्षम है।
🔹 C4ISR ढांचे में प्रमुख भूमिका
‘आकाशतीर’ भारत के C4ISR (Command, Control, Communication, Computers, Intelligence, Surveillance & Reconnaissance) ढांचे का अभिन्न हिस्सा है। यह वायुसेना के IACCS, नौसेना के TRIGUN नेटवर्क, और थलसेना की ऑपरेशनल यूनिट्स को एक साथ जोड़ता है, जिससे मैदान में एक समन्वित और सटीक जवाब संभव होता है।
🔹 मोबाइल और फ्रंटलाइन तैनाती में सक्षम
वाहन पर आधारित डिजाइन के कारण इसे किसी भी सक्रिय युद्ध क्षेत्र में तेजी से तैनात किया जा सकता है। इसका मतलब है कि जहां भी खतरा होगा, आकाशतीर वहां रक्षा के लिए तुरंत मौजूद रहेगा।
🔹 भारत की आत्मनिर्भरता को नई गति
भारत का रक्षा उत्पादन अब एक नई ऊंचाई पर है:
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₹3 लाख करोड़ के उत्पादन लक्ष्य की दिशा में तेजी
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65% रक्षा उपकरण अब स्वदेश में बन रहे हैं
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16 DPSUs, 430 से अधिक लाइसेंस प्राप्त कंपनियां और 16,000 MSMEs सक्रिय भागीदार
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निजी कंपनियों की 21% भागीदारी
🔹 स्वदेशी ताकत की शृंखला में नया सितारा
‘आकाशतीर’ अब धनुष तोप, ATAGS, अर्जुन टैंक, तेजस फाइटर, ALH हेलिकॉप्टर और स्वदेशी युद्धपोतों जैसी स्वदेशी तकनीकों की कड़ी में शामिल हो गया है।
🌐 अंतरराष्ट्रीय मान्यता
वैश्विक रक्षा विश्लेषकों ने आकाशतीर को “भारत के आधुनिक युद्ध सिद्धांत में क्रांतिकारी बदलाव” करार दिया है। इसकी सफलता यह साबित करती है कि भारत न केवल खुद को बचाने में सक्षम है, बल्कि तकनीकी नेतृत्व करने की ओर भी अग्रसर है।
🇮🇳 आकाशतीर अब केवल एक रक्षा प्रणाली नहीं, भारत की आत्मनिर्भर रक्षा शक्ति का गर्वपूर्ण प्रतीक बन चुका है।